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मुझमें कोई छल नहीं...
तेरा कोई कल नहीं...
मौत के ही गर्भ में...
ज़िंदगी के पास हूँ...
अंधकार का आकार हूँ...
प्रकाश का मैं प्रकार हूँ...
*मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।*

1
शिव सत्य है, शिव अनंत है,
शिव अनादि है, शिव भगवंत है,
शिव ओंकार है, शिव ब्रह्म है,
शिव शक्ति है, शिव भक्ति है,
आओ भगवान शिव का नमन करें,
उनका आशीर्वाद हम सब पर बना रहे।

1
शिव शंकर को जिसने पूजा उसका ही उद्धार हुआ….
अंत काल को भवसागर में उसका बेड़ा पार हुआ ….
भोले शंकर की पूजा करो , ध्यान चरणों में इनके धरो। ..

2
मैं आग हूँ...
मैं राख हूँ...
मैं पवित्र राष हूँ...
मैं पंख हूँ...
मैं श्वाश हूँ...
मैं ही हाड़ माँस हूँ...
मैं ही आदि अनन्त हूँ...
*मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।*

1
घनघोर अँधेरा ओढ़ के, मैं जन जीवन से दूर हूँ,
श्मशान में हूँ नाचता… मैं मृत्यु का ग़ुरूर हूँ..

2
चीर आया चरम में...
मार आया “मैं” को मैं...
“मैं” , “मैं” नहीं...
”मैं” भय नहीं...
*मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।* *मैं शिव हूँ।*

1
Ghanaghor Andhera Odh Ke...
Main Jan Jeevan Se Door Hoon...
Shmashaan Mein Hoon Naachata...
Main Mrtyu Ka Guroor Hoon...

1
साम – दाम तुम्हीं रखो...
मैं दंड में सम्पूर्ण हूँ...

1
विभत्स हूँ... विभोर हूँ...
मैं समाधी में ही चूर हूँ...

2
हँस_के_पी_जाओ_भांग_का_प्याला..!!*
क्या_डर_है_जब_साथ_है_अपने_त्रिशुल_वाला..!!*

1
ना गिन के दिया ना तोल के दिया”,
“मेरे महाकाल ने जिसे भी दिया दिल खोल के दिया”
।। ऊँ नम : शिवाय ।।

2
शिव सत्य है, शिव अनंत है,
शिव अनादि है, शिव भगवंत है,
शिव ओंकार है, शिव ब्रह्म है,
शिव शक्ति है, शिव भक्ति है,
आओ भगवान शिव का नमन करें,
उनका आशीर्वाद हम सब पर बना रहे।

1
खुल चूका है नेत्र तीसरा शिव शम्भू त्रिकाल का,,,
इस कलयुग में वो ही बचेगा जो भक्त होगा महाकाल का !

1
जिनके रोम-रोम में शिव हैं वही विष पिया करते हैं ,
जमाना उन्हें क्या जलाएगा , जो श्रृंगार ही अंगार से किया करते हैं….
जय भोलेनाथ.

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शिव की बनी रहे आप पर छाया,
पलट दे जो आपकी किस्मत की काया;
मिले आपको वो सब अपनी ज़िन्दगी में,
जो कभी किसी ने भी न पाया!

1
शिव की ज्योति से नूर मिलता है,
सबके दिलों को सुरूर मिलता है;
जो भी जाता है भोले के द्वार,
कुछ न कुछ ज़रूर मिलता है!

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शिव की ज्योति से नूर मिलता है,
सबके दिलों को सुरूर मिलता है;
जो भी जाता है भोले के द्वार,
कुछ न कुछ ज़रूर मिलता है!

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शिव की ज्योति से नूर मिलता है,
सबके दिलों को सुरूर मिलता है;
जो भी जाता है भोले के द्वार,
कुछ न कुछ ज़रूर मिलता है!

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शिव की ज्योति से नूर मिलता है,
सबके दिलों को सुरूर मिलता है;
जो भी जाता है भोले के द्वार,
कुछ न कुछ ज़रूर मिलता है!

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शिव की ज्योति से नूर मिलता है,
सबके दिलों को सुरूर मिलता है;
जो भी जाता है भोले के द्वार,
कुछ न कुछ ज़रूर मिलता है!

2
Shiv ki Jyoti se Noor milta hai,
Sabke Dilo ko Suroor milta hai,
Jo bhi jaata hai Bholeke dwaar,
Kuch na kuch jaroor milta hai
Shivratri ki Hardik Subh Kaamnaye

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शिव की शक्ति, शिव की भक्ति, ख़ुशी की बहार मिले,
शिवरात्रि के पावन अवसर पर आपको ज़िन्दगी की एक नई अच्छी शुरुवात मिले!

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ॐ त्र्यम्बकम् यजामहे सुगन्धिम्पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनात् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात।।
ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ

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Shiv ki Shakti, Shiv ki Bhakti, Khushi ki bahaar mile,
Shivratri ke pawaan awsar par aapko Zindagi ke ek nayi aachi suruaat mile,
Happy Shivratri

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